Saturday, 7 June 2025

शिवाजी और राजतिलक

आज यदमुल्लो ने फिर से जहर उगला है कि शिवाजी का राजतिलक ब्राह्मणो ने पैर के अंगूठे से किया है इसलिए फिर से प्रमाण पोस्ट कर रहे जिससे इस अखिलेश की यदमुल्ली गैंग को आप ट्विटर पर जाकर जबाब दे सको

इतिहास में समकालीन सोर्स का बहुत महत्व होता है
ब्राह्मण कृष्ण जी अनंत खुद शिवाजी के भी राज दरबार में थे और उनके बेटे राजाराम के भी राज दरबार में थे उन्होंने उनके बेटे राजा राम के कहने पर ही शिवाजी का इतिहास सभासद भाखर लिखी है 

इसमें उन्होंने शिवाजी के संपूर्ण राजतिलक का वर्णन किया है 
उन्होंने लिखा है कि पंडित गागा भट्ट जो वास्तव में महाराष्ट्र के ही ब्राह्मण थे उनके पूर्वज बहुत पहले वाराणसी में बस गए थे शिवाजी से मिलने आए और उन्होंने सुझाव दिया कि आप एक क्षत्रिय हो सिसोदिया कुल के हो और आपका राज्य इस समय मुसलमानो से भी विशाल है इसलिए आप चक्रवर्ती क्षत्रिय राजाओं जैसे ही छत्र धारण करिए 
इसके लिए शिवाजी का विशाल राज सिंहासन बनाया गया सोने का मुकुट बनवाया गया गंगाजल 
सहित सभी नदियों से जल मंगाया गया
मनु स्मृति में यह लिखा है कि राजा के 8 मंत्री होते हैं इसलिए शिवाजी ने गागा भट्ट के सलाह पर 8 मंत्री बनाए जिसमें सात ब्राह्मण थे 
गंगा भट्ट और अन्य ब्राह्मणों ने पूजा की और शिवाजी को सिंहासन पर बिठाकर वेद मंत्रों के उनका राजतिलक किया 
सातों ब्राह्मण मंत्री और अन्य एक मंत्री उनके अगल बगल खड़े होकर इस संपूर्ण विधिविधान में शोभा बढ़ाए
सभी मंत्रियों को शिवाजी द्वारा उस जमाने की ₹100000 दक्षिणा दी गई 
इसके अलावा ६०००० ब्राह्मण और लगभग 100000 प्रजा इकट्ठा हुई जिसको शिवाजी ने खुलकर दान दिया 
उस जमाने की एक करोड़ 60 लख रुपए दान देने में खर्च हुआ
प्रमाण सभासद भाखर पेज ८२ से ९२ कमेंट में

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